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सतगुरु का आदेश: जीवन का प्रकाशपथ #nirankarivichar


 सतगुरु का आदेश: जीवन का प्रकाशपथ

आओ मिलकर सतगुरु माता जी के चरणों में यह विचार अर्पित करें कि एक संत के लिए सतगुरु का आदेश ही जीवन की सर्वोच्च प्रेरणा है। सतगुरु का हर वचन न केवल हमारे लिए मार्गदर्शन है, बल्कि एक ऐसा प्रकाश है, जो अंधकार से भरे जीवन को उजाले से भर देता है।

सतगुरु के आदेश पर चलना ऐसा है जैसे हम जीवन की उन संकरी गलियों से होकर गुज़र रहे हैं, जहाँ हर कदम पर अनिश्चितता और भय हो सकता है, लेकिन सतगुरु का आदेश हमें उस सुंदर मार्ग पर ले जाता है, जहाँ शांति, प्रेम और सुख की अनंत धारा बहती है। सतगुरु का मार्गदर्शन हमें दिखाता है कि किस तरह छोटे-छोटे अहंकारों और इच्छाओं को छोड़कर, निरंकार के प्रेम में डूबकर जीवन को सजीव और सार्थक बनाया जा सकता है।

जब भी जीवन में कठिनाई आती है, मन विचलित होता है, और दिशाएं धुंधली लगती हैं, तब सतगुरु के आदेश एक कम्पास की तरह काम करते हैं। सतगुरु का हर वचन हमें यह समझाता है कि सुख और दुख दोनों ही जीवन का हिस्सा हैं, लेकिन यदि हम अपने मन को सतगुरु के आदेश से जोड़ लेते हैं, तो हर स्थिति में शांति और आनंद बना रहता है।

संत वही है जो अपने जीवन में सतगुरु के आदेश को सर्वोपरि मानता है। वह अपनी इच्छाओं को सतगुरु की मर्जी के अनुसार ढाल देता है। जब संत सतगुरु के आदेश पर चलता है, तो उसका जीवन खुद ही दूसरों के लिए प्रेरणा बन जाता है। उसका हर कदम दूसरों को यह सिखाता है कि जीवन को सुंदर बनाने के लिए, स्वयं को सतगुरु के चरणों में समर्पित करना कितना आवश्यक है।

सतगुरु का आदेश केवल एक नियम नहीं, बल्कि वह आशीर्वाद है, जो हमारे जीवन को संतुलन और स्थिरता प्रदान करता है। यह हमें सिखाता है कि हमारी खुशहाली किसी बाहरी परिस्थिति पर निर्भर नहीं करती, बल्कि सतगुरु के आदेश को मानकर चलने में ही सच्चा सुख छिपा है।

आओ, हम सब यह प्रण करें कि जीवन के हर मोड़ पर सतगुरु के आदेश को ही अपने लिए मार्गदर्शक मानेंगे। उनके वचनों का सम्मान करते हुए, उनके बताए मार्ग पर चलेंगे। क्योंकि यही वह पथ है जो हमें आत्मिक शांति, सच्चा सुख और जीवन की गहराई का अनुभव कराता है।

धन निरंकार जी।

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