प्रस्तावना: स्वच्छता की दो धाराएँ**
संत निरंकारी मिशन ने हमेशा "स्वच्छ जल और स्वच्छ मन" को एक साथ जोड़कर समाज सेवा और आध्यात्मिक विकास का संदेश दिया है। यह आयोजन केवल नदियों की सफाई तक सीमित नहीं है, बल्कि यह हमारे भीतर की अशुद्धियों को दूर करने का भी एक सुंदर माध्यम है। जब हम नदी-नालों के किनारे स्वच्छता अभियान के लिए जाते हैं, तो वहाँ का हर कदम हमें जीवन का गहरा पाठ सिखाता है।
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### **1. स्वच्छ जल: प्रकृति के प्रति समर्पण**
नदी सफाई के दौरान किए गए छोटे-छोटे प्रयास हमें बताते हैं कि **"जल ही जीवन है"** का वास्तविक अर्थ क्या होता है:
- **सामूहिक जिम्मेदारी:** कचरा उठाते समय हम समझते हैं कि प्रकृति की रक्षा हर व्यक्ति का कर्तव्य है।
- **सरलता का पाठ:** नदी के किनारे काम करते हुए हमें पता चलता है कि छोटे प्रयासों से भी बड़े बदलाव आ सकते हैं।
- **अहंकार का त्याग:** गंदगी साफ़ करने में हाथ गंदे करना हमें विनम्र बनाता है और "सेवा भाव" को जगाता है।
> *संत निरंकारी मिशन का संदेश:* **"जल को स्वच्छ करना, ईश्वर की रचना के प्रति प्रेम दिखाना है।"**
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### **2. स्वच्छ मन: आत्मशुद्धि की ओर कदम**
जिस तरह नदी का पानी कचरे से मुक्त होता है, उसी तरह स्वच्छता अभियान हमारे मन को भी नकारात्मकता से मुक्त करता है:
- **आंतरिक प्रतिबिंब:** नदी साफ़ करते समय हम अपने मन के "कचरे" (क्रोध, लालच, ईर्ष्या) को भी पहचानने लगते हैं।
- **सामूहिक सद्भाव:** एक साथ काम करने से समाज के प्रति प्रेम और एकता की भावना मजबूत होती है।
- **ध्यान का अनुभव:** शारीरिक श्रम के बीच मन शांत होता है और आत्मचिंतन का अवसर मिलता है।
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### **3. जीवन में क्या बदलाव आते हैं?**
- **स्वार्थ से सेवा की ओर:** नदी सफाई हमें सिखाती है कि "लेना" छोड़कर "देना" शुरू करें।
- **प्रकृति से जुड़ाव:** पेड़-पौधों और जलस्रोतों के प्रति संवेदनशीलता बढ़ती है।
- **आध्यात्मिक समझ:** संत निरंकारी मिशन के सत्संगों में बताए गए **"मन की निर्मलता"** का वास्तविक अर्थ समझ आता है।
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### **4. स्वच्छता अभियान: एक प्रार्थना बन जाता है**
जब हम नदी किनारे झुककर कचरा उठाते हैं, तो यह क्रिया एक **"प्रार्थना"** बन जाती है:
- **हाथों का काम, मन का मंत्र:** श्रम के दौरान मन में गुरुमंत्र या प्रार्थना का जाप करें।
- **सेवा = भक्ति:** संत निरंकारी सत्गुरु की शिक्षा है कि **"स्वच्छता सेवा ही परमात्मा की सच्ची पूजा है।"**
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### **समापन: स्वच्छता से स्वयं का निर्माण**
स्वच्छ जल अभियान केवल पर्यावरण को बचाने का काम नहीं है, बल्कि यह हमारे **"आंतरिक संसार"** को भी निर्मल बनाता है। संत निरंकारी मिशन के इस पहल में भाग लेकर हम सीखते हैं कि:
- **"जल को स्वच्छ करो, तो मन अपने आप स्वच्छ होगा।"**
- **"शुद्ध जल और शुद्ध विचार ही मानवता को बचा सकते हैं।"**
आइए, इस अभियान को एक **"आध्यात्मिक साधना"** की तरह अपनाएँ और स्वच्छता के माध्यम से अपने जीवन को भी निर्मल बनाएँ। 🌊🌸