हमारे संतों ने जीवन में जो मार्गदर्शन दिया, वह आज भी हमारे दिलों में जीवित है। उनकी बातें, उनके विचार, और उनका समर्पण हमें प्रेरणा देते हैं। लेकिन आजकल कुछ लोग यह कहते हैं कि पुरानी संतों को याद करने की कोई आवश्यकता नहीं है, और यह भी कहते हैं कि अब नए सतगुरु आ चुके हैं, तो हमें पुरानी बातों से बाहर निकलकर केवल नए विचारों को अपनाना चाहिए।
यह विचार सुनकर एक अजीब सा महसूस होता है, जैसे किसी ने हमारे दिलों में बसे उन प्यारे संतों को भूलने की बात की हो, जिनकी कृपा और आशीर्वाद से हम आज जो कुछ भी हैं, वही बन पाए। जिन संतों की बातों से हमारा जीवन हर कदम पर रोशन हुआ, उन्हें कैसे भुलाया जा सकता है? उनके विचारों में जो गहराई थी, वह हमें आज भी हर मुश्किल में मार्गदर्शन देती है।आजकल समाज में यह देखा जा रहा है कि सेवा का रूप बदल चुका है। पहले संत अपने तन, मन, और धन से संगत में सेवा करते थे, लेकिन अब यह देखा जा रहा है कि पद और प्रतिष्ठा की भूख बढ़ रही है। पद की दौड़ में एक-दूसरे को पछाड़ने की मानसिकता कुछ व्यक्तियों में घर कर चुकी है। संतों ने हमें सिखाया था कि भक्ति, सेवा और समर्पण से ही जीवन की असली खुशी मिलती है, लेकिन क्या हम उन मूल्यों को भूलने लगे हैं?
उन संतों की याद हमें यह सिखाती है कि जीवन का असली उद्देश्य केवल भक्ति और सेवा है, न कि पद, प्रतिष्ठा और नाम के पीछे भागना। उनकी शिक्षाओं से हम यह समझ पाते हैं कि हमें हर कदम पर निरंकार के चरणों में समर्पित रहना चाहिए। जब हम पुराने संतों को याद करते हैं, तो हमें उनके द्वारा दिखाए गए मार्ग पर चलने की प्रेरणा मिलती है। उनका जीवन हमारे लिए एक मिसाल है, जो यह बताता है कि भक्ति और सेवा के बिना कोई भी सफलता अधूरी है।
क्या हम अपने जीवन को उसी दिशा में आगे बढ़ाने का संकल्प ले सकते हैं? क्या हम अपने जीवन में संतों की प्रेरणा को सजीव कर सकते हैं? जब भी हम पुराने संतों की याद करते हैं, तो हमें अपने दिलों में उस प्रेम, सेवा और समर्पण की भावना को जागृत करना चाहिए जो उन्होंने हमें सिखाई। हमें यह कभी नहीं भूलना चाहिए कि उन संतों के बिना हमारा जीवन अधूरा था और उनकी प्रेरणा से ही हम आज अपने रास्ते पर चल पा रहे हैं।
आओ, हम सब मिलकर उन पुराने संतों को याद करें, उनके विचारों को अपने जीवन में उतारें और जीवन को सही दिशा में आगे बढ़ाएं। उनकी शिक्षाएं हमें बताती हैं कि असली संत वही है, जो भक्ति, सेवा और समर्पण के मार्ग पर चलता है।