शिक्षामित्र के वर्तमान नेता यही चाहते हैं कि शिक्षामित्रों का शुद्धिकरण हो, जिस तरीके से जब अखिलेश यादव मुख्यमंत्री आवास को छोड़ कर गए थे मुख्यमंत्री कार्यालय को छोड़कर गए थे तो शुद्धिकरण किया गया था, इसी तरह शिक्षामित्रों का भी शुद्धीकरण होगा उसके बाद शिक्षामित्रों का कहीं ना कहीं भला हो सकता है, और इसमें सभी शिक्षामित्र पूरी तरीके से भागीदारी दे रहे हैं, वर्तमान नेता रविंद्र प्रताप सिंह शिक्षामित्र प्रमोद मणि त्रिपाठी शिक्षामित्र सत्यम दुबे शिक्षामित्र का बेटा यह सब चाहते हैं कि शिक्षामित्र जितने भी हैं उनका शुद्धिकरण हो और शुद्धीकरण होकर वह अपने आप को भाजपा का समर्थक महसूस करें और भाजपा को ही वोट करें अखिलेश यादव को किसी भी तरीके से वोट ना करें क्योंकि उनके लिए उनकी नौकरी में जो बाधा अब तक आ रही है,
इसलिए यह वर्तमान शिक्षा मित्र के नेता पूरे तन मन धन से एक लाख 54 हजार के करीब शिक्षामित्र हैं इन सबको भाजपा का समर्थक बनाने के लिए जी जान से लगे हुए हैं इसलिए इनका महायज्ञ इस वजह से भी नहीं हुआ है कि अभी तक इनका शुद्धिकरण नहीं हुआ है और शुद्धीकरण कराने के लिए अयोध्या की धरती पर एक महायज्ञ की रचना की जा रही है जिसमें इन सभी शिक्षामित्रों का शुद्धिकरण हो जाएगा उसके बाद कहीं ना कहीं इनकी आवाज को सरकार सुनने लगेगी और सुनने के बाद इनको बहुत बड़ा कार्य सौंप देगी शिक्षक के रूप में और इनका वेतनमान मानदेय ना होकर वेतनमान बदल जाएगा
कैसी मूर्खता वाली चाल चल रहे हैं शिक्षामित्र के नेता