नमस्कार दोस्तों
शिक्षामित्र लगातार आशाओं की किरण के साथ और बड़े-बड़े नेताओं के द्वारा दिए गए आश्वासन अब से 4 वर्ष पहले उनको बार-बार याद दिला कर किया आपने वादा किया था वादा किया था वादा किया था, उस वादे को पूरा कर दीजिए,
इसी दहलीज पर उन्होंने ट्विटर जैसे प्लेटफार्म को इतनी बेहतरीन तरीके से अपना लिया कि अब वह अपनी बात को ट्विटर पर ट्रेंड भी कर आने लगे जो बहुत ज्यादा विचार नहीं हैं और अपनी योग्यता को भी प्रदर्शित कर रहे हैं कि अगर शिक्षामित्र अपने पर आ जाए तो वह कुछ भी कर सकता है,
लेकिन कुछ लोग यह सोचते हैं कि शिक्षामित्र केवल पढ़ाना जानते हैं शिक्षामित्र अपनी आवाज को उठाना भी जानते हैं और जिस तरीके से अब तक उन्होंने 4 वर्षों में आंदोलन भी किए हैं अपनी बात को मनवाने के लिए केशु का त्याग किया है जो एक महिला के लिए बहुत बड़ी बात है, लेकिन उसको भी दरकिनार कर दिया गया उस पर भी एक छोटी सी हाई पावर कमेटी का निर्माण कर दिया गया और उस मामले को शांत कर दिया,
और हाई पावर कमेटी को शिक्षामित्र के दिलों और दिमाग से यह हाई पावर कमेटी का निर्णय पूरी तरीके से गायब करने में शिक्षामित्र के ही कुछ बेहतरीन नेता आगे आकर खड़े रहे सबसे बड़ी विडंबना है,
नेता अपने लाभ के लिए कभी भी पार्टी बदल सकता है कभी भी वह दूसरी पार्टी में जाकर शामिल हो जाता है और वहां से पद और मान सम्मान ले लेता लेकिन बेचारे शिक्षामित्र अपने मान सम्मान को गंवा चुके हैं लेकिन अपने दिलो दिमाग से कार्यकर्ता के भूत को नहीं निकाल पा रहे हैं, जिस वजह से कुछ लोग शिक्षामित्र को भ्रमित करते हुए उनके भविष्य के साथ खिलवाड़ कर रहे हैं,