नमस्कार दोस्तों
अब तक कोई भी विपक्ष का नेता शिक्षामित्र के मुद्दे पर बोल नहीं रहा था, जिस वजह से शिक्षामित्र अपने आप को अकेला महसूस कर रहा था, लेकिन जैसे ही दो हजार चार हजार रुपे की बात अखबार के अंदर निकलती है, इसके तुरंत बाद मायावती अपने ट्विटर हैंडल से शिक्षामित्रों के समर्थन में कहती हैं कि. ₹2000 और ₹4000 मानदेय बढ़ाने की बात अगर सत्य है. तू कहीं ना कहीं शिक्षा मित्रों के साथ धोखा दिया गया है.
एक बात तो सत्य हो चुके हैं कि अब शिक्षामित्र एक नया मुद्दा बनने जा रहा है अगर वेतनमान में बहुत छोटी सी बढ़ोतरी होती है. तो उसको ना तो अखिलेश यादव बर्दाश्त करेंगे ना ही मायावती ना ही प्रियंका गांधी
ऐसा भी हो सकता है कि कहीं यह विपक्ष के नेता इसलिए भी क्योंकि बड़े-बड़े नेताओं ने शिक्षामित्र को आश्वासन दे रखा था जिस वजह से देखा गया कि जैसे ही तो या ₹2000 ₹4000 बढ़ाने की बात अखबार के अंदर आती है मायावती एकदम अपना सख्त रवैया दिखा देती है.
वहीं पर शिक्षामित्र के कुछ नेता इस बात को झूठ बताने पर आमादा हो चुके हैं यह ₹2000 नहीं बढ़ेंगे ₹4000 नहीं बढ़ेंगे पूरा वेतन मिलेगा हम आपके साथ हैं इस तरह की बातें करते नजर आ रहे हैं.
लेकिन सबसे बड़ी बात यही है अगर विपक्ष शिक्षामित्र की बात को समाज के बीच लेकर आएगा तो कहीं ना कहीं चुनाव में बहुत बड़ी फजीहत हो सकती है लेकिन ऐसा नहीं करेंगे वर्तमान के राजनीतिक पार्टी के सत्ताधारी नेता उनको भी कहीं ना कहीं इसका जवाब देने के लिए बहुत सोच विचार करना होगा।
क्योंकि शिक्षामित्र गांव-गांव में बसे हैं गांव की मिट्टी में पल्ला है. और उसे पता है किस तरीके से जनता की आबोहवा को बदलना है. जिस तरीके से ट्विटर पर अपनी बात को मनवाने के लिए उन्होंने अब बहुत बड़ी सेना तैयार कर चुके हैं जो सोशल मीडिया पर कभी भी अपनी आवाज को बुलंद तक पहुंचाने में सक्षम हो चुके हैं
बस हमारी शुभकामनाएं शिक्षा मित्र के साथ हैं कि उनका वेतन मिले जहां पर बाकी बचे सालों में वह अपने परिवार को अच्छी तरीके से जीवन व्यतीत करने के लिए इतनी धनराशि जुटा सके मैं अवधेश मेरी आवाज आपके सामने नमस्कार