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किसानों की हार निश्चित है .क्योंकि आज हमें नेट और डाटा चाहिए ना की आटा

 बहुत सारे लोग यही बोल रहे हैं किसान वाला कानून वापस नहीं होगा इससे सबसे बड़ा कारण लोग यह बता रहे हैं 

चाहे किसान कितना भी जोर लगा ले किसानों के लिए लाए गए कानून कभी वापस नहीं होगी क्योंकि व्यापारियों ने बड़े-बड़े गोदाम बना लिए हैं उनके बहुत सारे पैसे अभिन्न गोदामों में लग चुके हैं और अगर ऐसा होता है कानून को वापस लिया जाता है आर्थिक रूप से पार्टी में मिलने  बाला चंदा  कम हो जाएगा 

इसी वजह से किसानों की क्या हालत को   दरकिनार करते हुए यही सब सोच रहे हैं किसी तरीके से धरना स्थल पर बारिश हो जाए सर्दी हो जाए और अपनी जान छूट जाए

 क्यों  व्यापारियों के द्वारा बनाए गए गोदाम में बहुत सारा पैसा लग चुका है

 सबसे बड़ी बात देखने को ईशा की बीमारियों को कैसे पता चल गया कि आने वाला समय में गोदाम बनाए जाने  जाएंगे  जिसमें कानून में संशोधन हो जाएगा कानून बना दिया जाएगा और उससे पहले ही हम गोदाम बना लेते हैं एकदम उसको हम लाख में कन्वर्ट कर सकें

 क्योंकि अब से पहले भारत के अंदर स्टोर करने की कोई भी कानून नहीं था अगर कोई ऐसा करता पाया जाता था उसके खिलाफ मुकदमे हो जाते थे लेकिन कुछ लोगों ने गोदाम बनाने शुरू कर दिए जाने की उनको पहले से पता था कि सरकार ऐसा कानून लाएगी और  इसकी जानकारी व्यापारियों को थी कि वह कई महीनों से पहले ही गोदाम बनाने शुरू कर दिया लेकिन किसानों को इसके बारे में बिल्कुल भी जानकारी नहीं थी इसलिए वह सड़कों पर बैठे हुए चिल्ला रहे हैं भैया कानून वापस ले लो लेकिन गरीब का किसानों की कोई नहीं सुन रहा है और सुनना भी नहीं चाहिए क्योंकि किसान केवल गेहूं चावल आदि को  ही  उगाता है जबकि आज के युवाओं को बूढ़े बुजुर्गों को महिलाओं को बहनों को केवल एक ही चीज चाहिए नेट और डाटा नहीं चाहिए आटा  इसलिए तीनों कानून से कोई फर्क नहीं पड़ता है जनता को कल को  आटा महंगा हो भी जाता है तो कोई फर्क नहीं पड़ेगा क्योंकि हमको केवल पिज़्ज़ा बर्गर मामोसा दिखाने का लत लग चुकी है इसलिए हम किसान को ज्यादा अहमियत ना देते हुए उनके कानून पर कोई बात नहीं कर रहे हैं

  और सुना है अडानी और अंबानी बहुत गरीब परिवार है उनको बहुत सहायता की जरूरत है सरकार उनको पूरी सहायता देने के लिए तैयार है  इसीलिए गरीबों के मुद्रा लोन को माफ नहीं किया जाता लेकिन अदानी भैया के 200 करोड़ को माफ कर दिया जाता है अब आप खुद सोचिए गरीबों को पैसे की जरूरत नहीं है अमीरों को बहुत ज्यादा पैसे की बहुत ज्यादा जरूरत है उनको मुद्रा लोन भी कभी नहीं मिलता उनके जुर्माने भी माफ कर दे जाते हैं


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