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शिक्षामित्र की आवाज को कब सुनेगी सरकार हाई पावर कमेटी में ट्रांसफर तो लगा दीजिए ताकि बिजली आ जाए

 नमस्कार दोस्तों

जिस तरीके से देखा जाए कि शिक्षामित्र लगातार अपनी आवाज को उठाने के लिए ट्विटर के माध्यम से लगातार अपनी बात को सरकार के नुमाइंदों पहुंचाने में अग्रसर हो रहा है वहीं पर देखा जाए जिस तरीके से बड़े-बड़े नेताओं को छोटे-छोटे नेताओं की आवाज को सुनने की आदत नहीं है उसी तरीके से देखने पर यह भी आ रहा है कि जो 18 वर्षों से लगातार स्कूलों के अंदर काम करते आ रहे शिक्षामित्र जो अब नई तकनीकी का इस्तेमाल करते हुए ट्विटर के माध्यम से अपनी आवाज को पूरे देश विदेशों में पहुंचा रहे हैं लेकिन कहीं ना कहीं दिल्ली के गलियारों में वह इस समय नहीं घूम रहे हैं ऐसा लग रहा है जहां पर रोज किसी ना किसी शिक्षामित्र की इस दुनिया को छोड़ जाने की खबरें घूमती रहती हैं वहीं पर शिक्षामित्र एकमात्र ऐसा उत्तर प्रदेश का नुमाइंदा है जो कहीं ना कहीं सरकार के वादे किए जाने के बाद भी सरकार उन वादों को निभाने में असमर्थ से दिखाई दे रही है लेकिन अभी भी बहुत उम्मीदें हैं क्योंकि जब जब भी हम शिक्षा मित्र के ट्विटर को अवलोकन करते हैं तो दिखाई देता है कि बहुत बड़ी बड़ी व्याख्या करते हुए मुख्यमंत्री जी को राजाधिराज महाराज जगदीश बहुत सारी बातों से पुकारते हुए नजर आते हैं लेकिन यह पुकार इनके तक नहीं पहुंच पाती है जिस तरीके से सम्मान दे रहा है शिक्षामित्र इससे ज्यादा टि्वटर पर कोई भी इतना ज्यादा सम्मान मुख्यमंत्री जी को और प्रधानमंत्री जी को नहीं देते हुए देखे जा सकते हैं लेकिन फिर भी एक आशा से विश्वास के साथ लगातार वह अपनी आवाज को उठा रहे हैं ट्विटर बहुत सारे टि्वटर अकाउंट भी हैं जो कहीं ना कहीं वर्तमान सरकार के असली वोटर भी हैं और असली समर्थक भी लेकिन कहीं ना कहीं अपने समर्थकों की ही आवाज को सुन पाना अब असमर्थ सा दिखाई दे रहा है एक उम्मीद है हाई पावर कमेटी जिसका निर्माण महिलाओं के केसों के त्याग होने के बाद डिप्टी सीएम के द्वारा हाई पावर कमेटी का निर्माण किया गया था  ऐसा लगता है कि हाई पावर कमेटी में अभी तक कोई बिजली घर के ट्रांसफर भी नहीं रखे गए हैं इसी वजह से विनम्र पर विलंब विलंब पर विलंब होता जा रहा है हम आशा करते हैं कि अविलंब जल्द खत्म हो और एक हाई पावर कमेटी  का सकारात्मक निर्णय की तलाश में जहां पूरा शिक्षामित्र समाज इस समय बैठकर टकटकी लगाकर सरकार की उन नुमाइंदों को देख रही है जिन्होंने चिल्ला चिल्ला कर चिल्ला चिल्ला कर कहा था कि अब मेरी जिम्मेदारी है शिक्षामित्रों को एक मान सम्मान के पद पर पहुंचाना लेकिन वह कहीं ना कहीं और सुनाई नहीं दे रही है नमस्कार दोस्तों


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