दवाइयाँ रखने के लिए सबसे अच्छी दिशाएँ
दवाइयों को हमेशा ऐसी दिशा में रखना चाहिए जो स्वास्थ्य और शीघ्र रिकवरी को बढ़ावा दे, या जो पृथ्वी तत्व से जुड़ी हो, जो स्थिरता और उपचार प्रदान करता है।
1. उत्तर-पूर्व (ईशान कोण) - North-East
उत्तम विकल्प: अगर दवाइयाँ कम मात्रा में हैं (रोज़मर्रा के उपयोग के लिए नहीं), तो यह दिशा विचारों की स्पष्टता और ईश्वरीय ऊर्जा प्रदान करती है।
कारण: यह दिशा उपचार में मानसिक शक्ति और सकारात्मकता जोड़ती है।
2. दक्षिण-पश्चिम (नैऋत्य कोण) - South-West
सबसे अच्छा विकल्प (स्टोरेज के लिए): यह दिशा पृथ्वी तत्व से जुड़ी है, जो स्थिरता और मजबूती प्रदान करती है।
कारण: दवाइयों को यहाँ रखने से वे स्थिर रहती हैं (अर्थात, आप जल्दी ठीक हो जाते हैं और आपको उनकी ज़रूरत नहीं पड़ती)।
3. पूर्व (East)
उत्तम विकल्प: पूर्व दिशा सूर्य देव की है, जो ऊर्जा और जीवन शक्ति प्रदान करते हैं।
कारण: यहाँ दवाइयाँ रखने से रोगी में जल्दी ठीक होने की इच्छाशक्ति बढ़ती है।
❌ दवाइयाँ रखने से बचें (Negative Directions)
निम्नलिखित दिशाओं में दवाइयाँ रखने से बचना चाहिए, क्योंकि इससे बीमारी लंबे समय तक खिंच सकती है या दवाइयों का असर कम हो सकता है:
1. उत्तर-पश्चिम (वायव्य कोण) - North-West
सबसे बड़ा दोष: यह दिशा वायु तत्व और चंचलता से जुड़ी है।
प्रभाव: यहाँ दवाइयाँ रखने से वे बार-बार इस्तेमाल होती हैं, या रोगी को दवाइयों पर निर्भरता महसूस होने लगती है।
2. दक्षिण-पूर्व (आग्नेय कोण) - South-East
दोष: यह अग्नि तत्व की दिशा है।
प्रभाव: यहाँ दवाइयाँ रखने से वे शरीर में गर्मी या उग्र प्रतिक्रिया पैदा कर सकती हैं, जिससे स्वास्थ्य बिगड़ सकता है।
दवाइयाँ रखने के लिए वास्तु टिप्स (Vastu Tips for Medicines)
छिपाकर रखें: दवाइयों को हमेशा किसी बंद कैबिनेट या दराज में छिपाकर रखें। उन्हें खुली जगह या आँखों के सामने नहीं रखना चाहिए, क्योंकि यह घर में लगातार बीमारी का भाव पैदा करता है।
समाप्त दवाइयाँ हटाएँ: पुरानी, समाप्त हो चुकी (Expired) या अनावश्यक दवाइयों को तुरंत घर से हटा दें। दवाइयों का जमा होना यह दर्शाता है कि घर में कोई पुराना रोग लंबे समय तक चल रहा है।
रंग का चुनाव: दवाइयों की कैबिनेट के लिए हल्के या प्राकृतिक रंगों (जैसे सफेद, क्रीम) का प्रयोग करें।