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सतगुरु की रहमत होली के रंगों के साथ #nirankarivichar

सतगुरु की रहमत से होली के रंग और जीवन का आनंदहोली का त्योहार आते ही मन में एक अनोखी उमंग और उत्साह भर जाता है। रंगों की फुहार, मिठाइयों की मिठास और अपनों के साथ हँसी-खुशी का माहौल - यह सब होली को खास बनाता है। लेकिन क्या आपने कभी सोचा कि इन रंगों के पीछे की असली गहराई क्या है? यह सिर्फ गुलाल या पिचकारी का खेल नहीं, बल्कि एक आध्यात्मिक संदेश भी है जो सतगुरु की रहमत से हमारे जीवन में अमिट रंग भरता है।जैसे होली के अवसर पर हम  उदाहरण: "हर्बल गुलाल" या "पिचकारी" - https://amzn.to/3Fmw12u] का उपयोग करते हैं, वैसे ही यह रंग हमारे जीवन में सतगुरु की कृपा का प्रतीक बन जाते हैं। यह गुलाल न सिर्फ त्वचा के लिए सुरक्षित है, बल्कि पर्यावरण को भी नुकसान नहीं पहुँचाता। ठीक उसी तरह, सतगुरु का आशीर्वाद हमारे जीवन को पवित्रता और शांति से भर देता है, बिना किसी नकारात्मकता के।सतगुरु की रहमत हमारे जीवन में हर रंग लाती है - लाल रंग जो प्रेम और जोश का प्रतीक है, पीला जो समृद्धि और उल्लास का, नीला जो शांति और विश्वास का, और हरा जो नवजीवन और आशा का। होली का यह पर्व हमें सिखाता है कि जीवन के हर दुख और सुख को रंगों की तरह अपनाना चाहिए। जब हम सतगुरु के चरणों में समर्पण करते हैं, तो वह हमारे जीवन के काले-सफेद पन्नों को रंगीन बना देते हैं।इस होली, जब आप अपने प्रियजनों के साथ रंग खेलें और होली - https://amzn.to/3Fmw12u] से उत्सव को और भी खास बनाएँ, तो एक पल रुककर सतगुरु का धन्यवाद करना न भूलें। उनकी कृपा ही है जो हमारे जीवन में ये रंग भरती है और हर पल को आनंदमय बनाती है।तो आइए, इस होली को सिर्फ रंगों का त्योहार न बनाएँ, बल्कि सतगुरु की भक्ति में डूबकर इसे एक आध्यात्मिक उत्सव बनाएँ। क्योंकि सतगुरु की रहमत है, जो अमिट जीवन में रंग भरकर लाती है।

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