1️⃣ सतगुरु का जन्मदिन आया, सबको हर्ष सुनाया,
प्रेम और श्रद्धा से हमने, गुरु पूजा दिवस मनाया।
2️⃣ चरणों में सतगुरु माता जी के, हम अरदास करें,
जीवन में खुशियों के रंग भरें, ऐसा आशीष धरे।
3️⃣ सुमिरन, सेवा, सत्संग करके, जीवन को निखारें,
सतगुरु माता जी के शब्दों को, जीवन में उतारें।
4️⃣ प्रेम, एकता, ममता देकर, हर मन को महकाया,
सतगुरु का जन्मदिन आया, सबको हर्ष सुनाया।
धन निरंकार जी।
दास अवधेश।
---
भजन 2: सद्गुरु के आंगन में खुशी छाई है
1️⃣ सद्गुरु के आंगन में, खुशी छाई है,
गुरु पूजा दिवस की, बेला आई है।
2️⃣ सतगुरु माता जी का, जन्मदिन आया,
हर संत ने मिलकर, प्रेम बरसाया।
3️⃣ उनके चरणों में, झुकते हैं हम,
सेवा-सुमिरन का, करते हैं यशगान।
4️⃣ आशीष मिले हमको, जीवन सँवर जाए,
हर घर में प्रेम और, आनंद छा जाए।
धन निरंकार जी।
दास अवधेश।
---
भजन 3: गुरु पूजा दिवस आया रे
1️⃣ गुरु पूजा दिवस आया रे, खुशियों का संदेश लाया रे,
सतगुरु माता जी के चरणों में, हर संत शीश झुकाया रे।
2️⃣ प्रेम से रहो, सेवा करते चलो,
सत्संग की राह पर बढ़ते चलो।
3️⃣ नाम सिमर कर जीवन को सुधारो,
सतगुरु माता जी के आशीष को निहारो।
4️⃣ मंगलमय हो सबका जीवन,
गुरु कृपा से मिट जाए भ्रम।
धन निरंकार जी।
दास अवधेश।
---
भजन 4: सतगुरु माता जी की कृपा बरसे
1️⃣ सतगुरु माता जी की कृपा बरसे,
हर दिल में प्रेम का दीपक जले।
2️⃣ सेवा और सुमिरन से जीवन महके,
हर संत के मन में नूर खिले।
3️⃣ गुरु पूजा दिवस की बेला प्यारी,
सब पर गुरु का आशीष भारी।
4️⃣ हर घर में आनंद का संगम हो,
सतगुरु के वचनों में प्रेम उमंग हो।
धन निरंकार जी।
दास अवधेश।
---
भजन 5: सतगुरु माता जी के दर पे आया हूँ
1️⃣ सतगुरु माता जी के दर पे आया हूँ,
गुरु पूजा दिवस का पर्व मनाया हूँ।
2️⃣ उनकी कृपा से जीवन सँवर जाए,
हर दिल में प्रेम का दीप जल जाए।
3️⃣ सेवा, सुमिरन, सत्संग का ये गहना,
हर संत को जीवन का सुख देना।
4️⃣ जन्मदिन की ये पावन घड़ी,
प्रेम और शांति से हो भरी।
धन निरंकार जी।
दास अवधेश।