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सतगुरु के विचारों के पीछे भगाना जब शुरू करेंगेतब जीवन में बदलाव आएगा

 एक छोटे से गाँव में रहने वाला आर्यन नाम का एक लड़का था। वह हर हफ्ते सत्संग में जाता और बड़े श्रद्धा से सतगुरु की बातें सुनता। सतगुरु हमेशा कहते थे, "निरंकार प्रभु हर जगह हैं। अपनी इच्छाओं को स्पष्ट करो और पूरी श्रद्धा और विश्वास से निरंकार प्रभु को समर्पित करो, तुम्हारी हर इच्छा पूरी होगी।"

लेकिन आर्यन के मन में एक असमंजस था। वह सोचता, "अगर सबकुछ निरंकार प्रभु कर सकते हैं, तो सतगुरु ही मेरी इच्छाएं पूरी क्यों नहीं करवा देते?" वह सतगुरु के पीछे-पीछे चलता, उनके करीब रहने की कोशिश करता, लेकिन उसने कभी सच में निरंकार प्रभु पर ध्यान नहीं लगाया।

एक दिन, सत्संग से लौटते हुए आर्यन की मुलाकात एक बुजुर्ग संत से हुई। संत के चेहरे पर गहरी शांति और चमक थी। उन्होंने आर्यन को देखा और मुस्कुराते हुए पूछा, "बेटा, क्या तुमने अपने मन की बात प्रभु को बताई?"

आर्यन ने सिर झुकाकर जवाब दिया, "संत जी, मैं सतगुरु से कहता हूँ, लेकिन मेरी इच्छाएं कभी पूरी नहीं होतीं।"

संत ने धीरे से कहा, "क्या तुमने कभी सोचा है कि सतगुरु ने तुम्हें क्या सिखाया? उन्होंने कहा कि निरंकार प्रभु हर जगह हैं, हर कण में हैं। उन्हें अपने भीतर और बाहर महसूस करो। जब तुम पूरी सच्चाई से प्रभु को देखोगे, तब तुम्हारे सपने पूरे होंगे।"

आर्यन ने उलझन में पूछा, "लेकिन मैं कैसे जानूँ कि प्रभु मेरे पास हैं?"

संत ने मुस्कुराते हुए एक कहानी सुनाई:
"एक बार एक किसान ने बीज बोए और हर दिन उन्हें पानी दिया। लेकिन वह परेशान था कि पौधे क्यों नहीं उग रहे। एक दिन उसे समझ आया कि वह केवल बाहर से पानी दे रहा था लेकिन मिट्टी को समझे बिना। जब उसने बीज के भीतर के जीवन पर ध्यान दिया और सही तरीके से देखभाल की, तो पौधे तेजी से उगने लगे। निरंकार प्रभु भी ऐसे ही हैं। वे तुम्हारे भीतर हैं। जब तुम भीतर से उन्हें अनुभव करोगे, तब चमत्कार शुरू होंगे।"

आर्यन को पहली बार यह बात गहराई से समझ में आई। उसने संत को धन्यवाद दिया और अगले दिन से उसने सच्चे मन से निरंकार प्रभु पर ध्यान लगाना शुरू किया। अब वह सतगुरु के पास जाता, लेकिन केवल उनके शब्दों को सुनने के लिए, न कि उनकी सहायता पाने के लिए। उसने अपने सपनों को स्पष्ट किया और ध्यान और श्रद्धा से उन्हें प्रभु के चरणों में समर्पित किया।

कुछ ही समय बाद, आर्यन ने अपने जीवन में अद्भुत बदलाव देखे। जिन सपनों को वह असंभव मानता था, वे एक-एक कर पूरे होने लगे। अब वह जान गया था कि सच्चा ध्यान और विश्वास ही हर इच्छा को पूरा करने की कुंजी है।

संदेश: "निरंकार प्रभु हर जगह हैं, उन्हें अपने भीतर और हर कण में देखो। अपने सपनों को स्पष्ट करो, और उन्हें श्रद्धा और विश्वास से प्रभु के सामने समर्पित करो। प्रभु का ध्यान और तुम्हारा विश्वास ही तुम्हें तुम्हारे सपनों तक पहुँचाएगा।"


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