नमस्कार दोस्तों
कुछ समय से शिक्षामित्र अपनी आवाज को उठाने के लिए सोशल मीडिया का बहुत बेहतरीन तरीके से इस्तेमाल कर रहा है इसमें कोई दो राय नहीं,
परंतु शिक्षामित्र नेताओं की तरफ से यह कहा जाता है के 75% काम सरकार कर चुकी है,
अब आप यह बताइए जब सरकार ने अपनी विवेक बुद्धि से 75% का कार्य शिक्षामित्रों का कर दिया, केवल 25% कार्य ही रह गया है शिक्षामित्रों का यह कहा जा रहा है शिक्षामित्र नेताओं की तरफ से अभी तक किसी भी राजनीतिक नेता ने इस बात की पुष्टि की है.
चलो ठीक है हम मान लेते हैं यह सत्य,
लेकिन जिस तरीके से उत्तर प्रदेश की सरकार इस समय कार्य कर रही है कोरोना की तीसरी लहर को रोकने के लिए. अपनी कार्यशैली को बहुत ज्यादा सक्षम कर रही है. वही पर शिक्षामित्रों के नेताओं के कुछ ऐसी ऑडियो सामने आ रही है जिनको सुनकर 75% वाली बात पर शक हो जाता है,
क्योंकि जिनकी भी ऑडियो है पब्लिक सो रही हैं व्हाट्सएप ग्रुप सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर केवल जितेंद्र शाही को छोड़कर सभी शिक्षामित्र नेता इस तरह के शब्दों का उच्चारण बहुत ज्यादा कर रहे जबकि उनकी तरफ से ही आश्वासन दिया गया था कि 75% काम हो चुका है,
कुछ शब्द इस तरीके से हैं
- सभी संगठनों को एकजुट हो जाना चाहिए
- हम सबको मिलकर आवाज उठानी चाहिए
- यह अंतिम लड़ाई है
- अभी नहीं तो कभी नहीं
- हमारे पास खोने को कुछ नहीं है
क्या आप जानते हैं जब आप एक एक साथ बहुत बड़ी संख्या में एकत्रित होंगे क्या मीडिया को किस रूप में देखेगा आपको अगर एक बार विरोधी के रूप में प्रकट कर देता है तो सोचा सोशल मीडिया पर आपने जो मेहनत की हुई है कहीं ना कहीं आपकी वह मेहनत पल भर में धूमिल ना हो जाए. जब सरकार ने 75% कार्य कर दिया है तो कहीं ना कहीं सरकार एक अच्छे वातावरण का इंतजार कर रही है जहां पर एक अच्छा सा कमेंट करें और आपको मान सम्मान वापस दे. लेकिन अगर आप बड़ी संख्या में कहीं पर एकत्रित हो जाते हैं और और अगर विपक्ष के वहां पर नेता पहुंच जाते हैं तो आप भी से किसी की हिम्मत नहीं कि विपक्ष के नेता को भगा दे क्या आप ऐसा कर पाएंगे। विचार जरूर कीजिए इतने दिनों की मेहनत जो आप ने ट्विटर पर बनाई है एक छोटा सा कदम आपकी सारी मेहनत जमींदोज कर सकता है