आज सुबह से ही एक खबर समाचारों में टीवी के अंदर चल रही थी, कि भारतीय जनता पार्टी अपनी छवि को अच्छी बनाने के लिए बड़े नेताओं ने एक मीटिंग की है, बड़े-बड़े नेताओं ने अपने अपने वक्तव्य दिए होंगे, पर जो जानकारी हम देने जा रहे हैं शायद ही किसी के पास हो
उत्तर प्रदेश में 32000 अनुदेशकों की भर्ती को रोकना 150000 शिक्षामित्रों को आश्वासन देने के बाद उनकी तरफ बिल्कुल भी ना देखना बहुत बड़ी गलती हो सकती है,
क्योंकि इस बीच शिक्षामित्र 32000 अनुदेशकों ने ट्वीट अपनी पकड़ बेहतरीन कर ली है,
वहीं पर अरविंद केजरीवाल दिल्ली के शिक्षा मंत्री मनीष सिसोदिया के द्वारा एक बेहतरीन तरीका लेकर आए , जिसकी वजह से वह सीधा वोट नहीं मांगते हैं स्कूलों के अंदर मेघा पैरंट्स टीचर मीटिंग कराते हैं, इसमें शिक्षक उनके बच्चों की अच्छी आदतों के बारे में बताना शुरू करते हैं और स्कूल की सभी योजनाओं के बारे में उस माता-पिता को अवगत कराते हैं वहां के शिक्षक जिसकी वजह से माता पिता के दिलो-दिमाग में सरकार की एक अच्छी इच्छा भी उत्पन्न हो जाती है और माता-पिता यह कहते हुए नजर आते हैं बच्चे पढ़ रहे हैं यह सरकार अच्छी है,
परंतु यहां पर देखा जाए 20 वर्षों से काम कर रहे शिक्षामित्र कभी उनके वेतन में थोड़ी सी बढ़ोतरी होती है कभी उनको समान वेतन मिलने लगता है , और वर्तमान सरकार द्वारा उनका वेतन कम कर दिया जाता है, जिसका आक्रोश उनके दिलो-दिमाग में तो बसा हुआ ही है लेकिन शिक्षामित्र भाजपा की समर्थक रह चुके हैं,
उन्होंने उत्तर प्रदेश की सरकार बनाने में बड़ा योगदान दिया था, जिस को भुला नहीं जा सकता है, अखिलेश यादव ने उनका समायोजन करके उनको एक शिक्षक के पद आसीन करा दिया, परंतु कुछ कानूनी पचड़े की वजह से उनसे यह पद छीन लिया गया,
सरकार उनको कहती रही डबल इंजन की सरकार आएगी तो शिक्षामित्रों का भला जरूर होगा
और 32000 अनुदेशकों की बात करें उन्होंने बहुत कोशिश की ट्विटर अकाउंट पर अपनी आवाज को उठाने की लेकिन 1 साल बाद उन्होंने अपने ट्विटर अकाउंट को बिल्कुल ही शांत कर दिया, लेकिन आप जैसे ही 4 साल बीते हैं उन्होंने अपने ट्विटर अकाउंट को फिर से एक्टिव करना शुरू कर दिया है
डेढ़ लाख यह लोग और 32000 यह लोग अगर इनको सम्मानित पद देते हुए इनके रोजगार में वेतन में बढ़ोतरी कर दी जाती है तुझे ट्विटर पर एक बहुत बड़ी सेना बन ही जाएगी,
गांव गांव के अंदर प्रचार करने का और उनकी योजनाओं को घर-घर तक पहुंचाने का सरल माध्यम भी हो जाएगा
अब देखना यह है क्या सरकार अपनी छवि को सुधारने के लिए
शिक्षामित्र 32000 अनुदेशक के मान सम्मान को कैसे वापस देगी
मेरा मानना यही है कि अगर भाजपा सरकार को गांव-गांव में अपनी पकड़ को दोबारा मजबूत करना है इन शिक्षा के सिपाहियों को मजबूत वेतन और मजबूत पद होगा
नमस्कार दोस्तों