महापुरुषों ने कितनी सुंदर बात कही है कि सत्संग का उद्देश्य मानव जीवन को सुधारना और उसे सच्चाई, प्रेम और एकता के मार्ग पर ले जाना है। लेकिन आजकल देखा जाता है कि कुछ लोग अपने सत्संग को श्रेष्ठ सिद्ध करने के प्रयास में दूसरे सत्संग की बुराई करने लगते हैं। यह प्रवृत्ति न केवल सत्संग के वास्तविक उद्देश्य को बाधित करती है, बल्कि संतों और भक्तों के बीच भ्रम और वैमनस्य का कारण भी बनती है।
मैं तेरे सत्संग की बुराई करूंगा तू मेरे सत्संग की बुराई करिए #Nirankarivichar2025 #rampal
जनवरी 19, 2025
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