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नबि पूरण: आयुर्वेदिक प्रक्रिया जो हमारी सेहत को सुधारती है

 नबि पूरण एक प्राचीन आयुर्वेदिक प्रथा है जो हमारी नाभि में तेल लगाकर या मसाज करके हमारी सेहत को सुधारती है। नाभि हमारे शरीर की ऊर्जा का केंद्र होता है और इसीलिए इसे नर्सरी कहा जाता है। नबि पूरण करने से हमारी शरीर की प्राण शक्ति संतुलित रहती है और यही वजह है कि हमारी सेहत में सुधार होती है।

आयुर्वेदिक प्रक्रिया क्या है?

आयुर्वेदिक सिद्धांतों के अनुसार, हमारी नाभि में तेल लगाने या मसाज करने से हमारे काने का पाचनिक कार्य सही रूप से चलता है। यदि काने की अग्नि यानी पाचनिक अग्नि सही नहीं होगी तो हमारा खाना हजम नहीं होगा और इसलिए गैस, एसिडिटी, ब्लोटिंग और इंडिजेश्टन जैसी समस्याएं पैदा होती हैं।

नाभि पूरण के फायदे

  • स्ट्रेस रिलीफ - नाभि में तेल लगाने से आपका नर्वस सिस्टम रिलैक्स होता है और इसके कारण आपको स्ट्रेस, चिंता और इन्सोम्निया जैसी समस्याएं कम होती हैं।
  • इम्यूनिटी एन्हांसमेंट - नाभि पूरण से आपकी प्राण शक्ति संतुलित होती है जो आपकी बॉडी की इम्यूनिटी को बढ़ाती है।
  • हार्मोनल इम्बैलेंस - नाभि पूरण से आपका हार्मोनल संतुलन बढ़ता है और इसके कारण स्त्रीयों के मासिक धर्म की समस्याएं कम होती हैं।
  • चिकित्सा में अवसाद बढ़ता है।
  • अम्बलंतर हर्निया की समस्या में राहत मिलती है।
  • अच्छी त्वचा - नाभि पूरण करने से आपकी त्वचा की स्वस्थता में सुधार होती है, जैसे कि रेखाओं की कमी होती है, झुर्रियां कम होती हैं और रंगत बेहतर होती है।
  • अवांछित दर्द को कम करता है।

इस प्रकार, नबि पूरण आयुर्वेदिक आचार्यों द्वारा सिफारिश की जाती है और अपनाने से आपकी सेहत में सुधार हो सकती है। यह एक सुरक्षित आयुर्वेदिक प्रथा है और इसे अपनाने से पहले अपने चिकित्सक से सलाह लेनी चाहिए।



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